कार्तिक (दामोदर) मास - चित्रा सखी माताजी
हर मास की अपनी-अपनी विशेषता है। प्रत्येक मास में अलग अलग देवों की आराधना भी निर्धारित है। इन बारह मासों में कार्तिक मास आठवें स्थान पर आता है। शास्त्रों में कार्तिक मास को बड़ा ही पवित्र मास माना जाता है। इस मास की विशेषता का वर्णन स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण में भी दिया गया है। स्कन्द पुराण में लिखा है कि सभी मासों में कार्तिक मास, देवताओं में विष्णु भगवान, तीर्थों में बद्रीनारायण तीर्थ शुभ है। पदम पुराण के अनुसार कार्तिक मास धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष देने वाला है। कार्तिक मास में दीपदान करने से पाप नष्ट होते हैं। स्कंद पुराण में वर्णित है कि इस मास में जो व्यक्ति देवालय, नदी के किनारे, तुलसी के समक्ष एवं शयन कक्ष में दीपक जलाता है उसे सर्व सुख प्राप्त होते हैं। इस मास में भगवान विष्णु एवं लक्ष्मी के निकट दीपक जलाने से अमिट फल प्राप्त होते हैं।