Wednesday, April 5, 2017

श्रीमद् भागवतम् स्कंद ०३ I अध्याय १७ - हिरण्याक्ष की दिग्विजय

Srimad Bhagavatam Canto 03 I Chapter 17 - Victory of Hiraṇyākṣa Over All the Directions of the Universe तृतीय स्कंद उद्धव और विदुर जी की भेंट के साथ प्रारम्भ होता है। इसमें उद्धव जी श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं तथा अन्य लीला चरित्रों का उल्लेख करते हैं। इसके अलावा विदुर और मैत्रेय ऋषि की भेंट, सृष्टि क्रम का उल्लेख, ब्रह्मा की उत्पत्ति, काल विभाजन का वर्णन, सृष्टि-विस्तार का वर्णन, वराह अवतार की कथा, दिति के आग्रह पर ऋषि कश्यप द्वारा असमय दिति से सहवास एवं दो अमंगलकारी राक्षस पुत्रों के जन्म का शाप देना जय-विजय का सनत्कुमार द्वारा शापित होकर विष्णुलोक से गिरना और दिति के गर्भ से 'हिरण्याक्ष' एवं 'हिरण्यकशिपु' के रूप में जन्म लेना, प्रह्लाद की भक्ति, वराह अवतार द्वारा हिरण्याक्ष और नृसिंह अवतार द्वारा हिरण्यकशिपु का वध, कर्दम-देवहूति का विवाह, सांख्य शास्त्र का उपदेश तथा कपिल मुनि के रूप में भगवान का अवतार आदि का वर्णन इस स्कंद में किया गया है। इस विडियो में यह अध्याय श्रीमान रामचंद्र प्रसाद प्रभु द्वारा सुनाया गया है। श्रीमद् भागवतम् के तृतीय स्कंद के अन्य अध्यायों के विडियो देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर यह विडियो देखें: https://www.youtube.com/playlist?list=PLhtmKWc6vRTDXFVakC9FCEs5TWIe9iUeB Stay Connected Website: http://ift.tt/1oJekp9 Twitter: https://twitter.com/idtsevaks Facebook: http://ift.tt/2iTcKJw Instagram:http://ift.tt/2jN11dS Pinterest : http://ift.tt/2iTgsCQ Soundcloud : http://ift.tt/2jNc3A3 If you liked this video, please subscribe to our YouTube channel: https://goo.gl/CxIYWY

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