Spirit of Bhagvad Geeta | सीधी बात, प्रभु जी के साथ | Sanatana Dharma Das
Five thousand years ago the theological science of Bhagavad Gita was spoken by Lord Krishna, the Supreme Personality of Godhead to His disciple Arjuna. It stands supreme in its doctrines as the principles of religion were enunciated by God Himself. One should read the Bhagavad Gita in devotional & submissive spirit and everything will be revealed to him. पाँच हज़ार साल पहले भगवद् गीता का धर्मशास्त्र भगवान कृष्ण ने अपने शिष्य अर्जुन को देवत्व की सर्वोच्च व्यक्तित्व के रूप में बताया था। यह अपने सिद्धांतों में सर्वोच्च है क्योंकि धर्म के सिद्धांतों को स्वयं भगवान ने स्वीकार किया था। भक्ति और विनम्र भाव से भगवद्गीता का पाठ करना चाहिए और सब कुछ उसके सामने प्रकट हो जाएगा। Click below link to Watch more videos of "Sidhi Bat Prabhuji Ke Sath" https://www.youtube.com/playlist?list=PLhtmKWc6vRTCK7zoCb9OKYnPjY-Yn9E4c