सिर्फ इस वजह से मैंने 1976 साल में IIt Kanpur छोड़ ISKCON Book Distribution चालू किया
सिर्फ इस वजह से मैंने 1976 साल में IIt Kanpur छोड़ ISKCON Book Distribution चालू किया 🔷 जितामित्र दास जी का जन्म सन 1954 ई. में उत्तर प्रदेश के अंतर्गत महोबा नामक शहर में एक वैश्य परिवार में हुआ था। इनके पिता, श्री राम कथा के अंतर्गत विख्यात विद्वान् थे। महोबा में कक्षा 12 तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने इलाहाबाद में 5 वर्षों तक अध्ययन किया तथा 1976 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.ई. की डिग्री प्राप्त किया। "श्री भगवान ने कहा" नामक इनके लेख भगवद्दर्शन नामक हिंदी पत्रिका में नियमित रूप से छपते रहते हैं प्रभुजी ने 22 खंडों में गीता की संपूर्ण व्याख्या प्रकाशित की है। इसके अतिरिक्त प्रभुजी ने "महोबा में कृष्ण अवतार" नामक एक अन्य ग्रंथ भी लिखा है। वर्तमान में, प्रभुजी श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर, दिल्ली में पूर्ण समर्पित भक्त हैं।